5G Technology:
5G परिनियोजन के लिए कई तकनीकी और परिचालन चुनौतियों पर काबू पाने की आवश्यकता होगी, सबसे बड़ी एक व्यापक फाइबराइजेशन है। अधिकांश ऑपरेटर लगभग 20-25% फाइबराइजेशन पर हैं। हालांकि, वास्तव में 5G अनुभव के लिए 80% फाइबराइजेशन की आवश्यकता होगी। 5G नेटवर्क स्लाइसिंग की महत्वपूर्ण विशेषता को प्राप्त करने के लिए कोर के वर्चुअलाइजेशन और पूरी तरह से नए ऑर्केस्ट्रेशन लेयर के उपयोग की आवश्यकता होने पर एंटीना को हर साइट पर अपग्रेड करना होगा।
5G network or 5G Phone जल्द ही हमारे सामने होगी। दोस्तों इसका परीक्षण गुडगांव के मानेसर में सफल हो चुका है। यह परीक्षण भारती एयरटेल (भारत) और हुवावे (चीन ) ने मिलकर किया है। आज हम आपको 5G दूरसंचार नेटवर्क के बारे में विस्तार से बताएंगे ।
5G में Data Speed 4G से 10 गुना तेज होगी। साथ ही इस तकनीकी को गेम चेंजर भी माना गया है। आज हम आपको बताते हैं कि 5G नेटवर्क या आखिर क्या है।
5G मोबाइल तथा Internet की पांचवीं पीढ़ी को कहा जाता है। इसकी स्पीड 4 से 5 GB प्रति सेकेंड होने का अनुमान है। इसके बाद यूजर्स को DATA की हाई डेंसिटी भी मिला करेगी। 5G की अधिकतम स्पीड 20 GB प्रति सेकेंड मानी जा रही है।
अप्रैल 2008 में NASA की एक साझीदार संस्था मशीन टू मशीन इंटेलिजेंस (M2M) कॉर्प ने 5G Network की संकल्पना सामने रखी थी।
क्या 5G नेटवर्क से भी फैल सकता है कोरोना वायरस का संक्रमण?
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड-19 और 5-जी तकनीक के बीच संबंधों की बात पूर्ण बकवास है और यह जैविक रूप से संभव नहीं है। एनएचएस इंग्लैंड मेडिकल के निदेशक स्टीफन पाविस ने ऐसे कांस्पेरिज थ्योरीज को, सबसे खतरनाक फेक न्यूज बताया है। जो लोग ऐसे पोस्ट शेयर कर रहे है वो सब कांस्पेरेसी थ्योरी को बढ़ावा दे रहे हैं। जिसमें 5-जी की मदद से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने का झूठा दावा किया जा रहा है।
5G टेक्नोलॉजी से पहले देखते है 4G टेक्नोलॉजी
अब आपको 4G तकनीक के बारे में बताते हैं। चौथी पीढ़ी की मोबाइल फोन वायरलेस सेवा का संक्षिप्त रूप 4G कहा जाता है। 5G पूरी तरह IP पर आधारित सेवा है। इसमें वायस डाटा और मल्टीमीडिया को एक समान गति से इधर-उधर भेजा और प्राप्त किया जा सकता है। सबसे पहले 4G सेवा 2009 में नॉर्वे के ओस्लो तथा स्वीडन के स्टॉकहोम में शुरू की गई थी। 4G सेवा में 10 M.W. प्रति सेकेंड से लेकर 10 G.B. प्रति सेकंड की गति से कार्य होता है। सबसे पहले यह मोबाइल V-Mex वर्जन में जारी किया गया था।
3G technology in india
इंटरनेशनल मोबाइल टेलीकम्युनिकेशंस यानी IMT 2000 को 3G कहा जाता है। इसमें टेलीफोन वीडीयो कॉल तथा वारयरलैस डाटा दोनों शामिल हैं। 3G में न्यूनतम 2 MB प्रति सेकंड की Data Speed दी गई थी। इसकी शुरुआत 2001 में जापान में की गई और इसे CDMA तकनीक पर सबसे पहले आरंभ किया गया था। भारत में 2008 में 3G मोबाइल सेवा लांच की गई थी। जो कि MTNL ने शुरू की।
2G technology in india
3G से पहले की पीढ़ी दूसरी पीढ़ी थी। जिसे 2G सेवा कहते हैं। 2G सेवा से ही सबसे पहले SMS के पठनीय संदेशों की शुरूआत हुई। यानि मोबाइल के लिए डाटा सर्विस पहली बार 2G के बाद ही शुरू हो पाई। इससे पहले कि जो भी पीढ़ी थी वह 1G कहलाती है। आपको बता दें कि 1G रेडियो एनलॉग संकेतों पर आधारित सेवा थी। जबकि 2G नेटवर्क डिजिटल प्रवृतियों पर आधारित सेवा थी।
2G से कुछ उन्नत सेवा 2.5G कहलाती है। 2.5G नेटवर्क GPRS के रूप में हमारे सामने आया था। इसमें DATA Transfar 56 केबिट्स प्रति सेकंड से 114 केबिट्स की गति से हो सकता था।
2.5G में 2G से अधिक गती से DATA Transfar किया जा सकता था। लेकिन 2G की ध्वनि सेवाएं अच्छी थी। यानि Calls सुनने और करने के लिए सबसे बढिय़ा तकनीक 2G को ही माना गया है।
4G in india
भारत में 4G सेवा की गति बहुत ही कम है। भारत में 4G सेवाओं की औसत गति 6.07 MBPS से 10 MBPS है जो कि वैश्विक औसत से काफी कम है। विकसित देशों में 4G सेवाओं से यह 1.7 प्रतिशत कम है।
Important Question about 5G
सबसे पहले 5G नेटवर्क की शुरुआत इटली के एक छोटे से देश सैन मैरिनो में हुई। जो कि केवल 61 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसकी जनसंख्या 35203 ही है। यह यूरोप का तीसरा सबसे छोटा देश है और यूरोपीय संघ का सदस्य भी नहीं है। यहां मुद्रा यूरो ही चलती है।
तो दोस्तों, भारत में 5 g तकनीक और 5 g तकनीक का आनंद लेने के लिए तैयार रहें। पोस्ट को लाइक, शेयर और हमें फॉलो करें।