सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और तस्वीर के साथ वायरल हो रही पोस्ट में कहा जा रहा है कि भारत सरकार कोरोना महामारी के कारण प्रभावित युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दे रही है। पोस्ट के साथ फैलाए जा रहे संदेश में कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री बेरोजगार भत्ता वर्ष 2022 के नाम से एक योजना शुरू की है। यह योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत है।
वायरल संदेश के साथ एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार बेरोजगारों को प्रति माह ₹3800 तक का बेरोजगारी भत्ता प्रदान कर रही है। इसके साथ पोस्टर में नारा दिया गया है कि सरकार एक – लाभ अनेक। सबका साथ – सबका विकास। इन लुभावने नारों के साथ ही बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन करने के लिए एक लिंक भी दिया गया है।
वायरल पोस्ट में कहा जा रहा है कि नए वर्ष के साथ आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने के लिए यह योजना शुरू की गई है। योजना के लिए 18 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की आयु वाले भारतीय नागरिक पात्र हैं। इस आयु वर्ग के बेरोजगारों को 3,800 रुपए तक बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। वायरल पोस्ट में बताया गया है कि योजना के तहत आयु वर्ग के अनुसार भत्ते की राशि अलग-अलग होगी।
दावा :
18 से 25 वर्ष आयु वर्ग : 1500 रुपए
26 से 30 वर्ष आयु वर्ग : 2000 रुपए
30 से 35 वर्ष आयु वर्ग : 3000 रुपए
36 से 45 वर्ष आयु वर्ग : 3500 रुपए
46 से 50 वर्ष आयु वर्ग : 3800 रुपए
क्या है सच-
ऐसी कई फर्जी खबरें इंटरनेट पर चल रही हैं जिसमें बेरोजगारी भत्ता के बारे में बताया जा रहा है. इन खबरों के मुताबिक, देश के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को लाभ देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना शुरू की है. देश के जो युवा शिक्षित हैं लेकिन उनके पास कोई रोजगार नहीं है, उन युवाओं को 2 हजार से 2500 रुपये तक की धनराशि बेरोजगारी भत्ता के रूप में दिया जाता है. देश के 20 करोड़ युवाओं को इस योजना की लाभ पहुंचाने की योजना है. सच्चाई यह है कि इस प्रकार की कोई भी योजना अभी तक केंद्र सरकार की ओर से शुरू नहीं की गई है और प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना को लेकर बहुत सी झूठी मनगढ़ंत भ्रामक अफवाहें फैलाई जा रही हैं.
यह दावा पड़ताल में फर्जी पाया गया है। केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो की तथ्य जांच टीम यानी #PIBFactCheck ने भी इस दावे को फर्जी बताया है।