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Maha Shivaratri 2024: Significance, Celebration & Rituals | शुभ मुहूर्त:

happy maha shivratri

जानिए क्या होती है महाशिवरात्रि?

हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है।  हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि से न सिर्फ मनुष्‍य अपने पापों से मुक्‍त हो सकता है बल्कि उनकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। ऐसा माना जाता है कि विधि और भक्तिपूवर्क शिव पूजन करने से साधक के मन की बात भगवान शिव तक ज़रूर पहुंचती है।   महाशिवरात्रि के दिन लोग व्रत रखते हैं महाशिवरात्रि के दिन भक्त जप, तप और व्रत रखते हैं और इस दिन शंकर भगवान के शिवलिंग की पूजा करते हैं। इस साल महाशिवरात्रि  का पर्व  8 मार्च, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि को एक महोत्सव के रुप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन देवों के देव महादेव का विवाह हुआ था। वहीं दूसरी तरफ ये भी कहा जाता है कि इस दिन ही शिव जी शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। कुछ अन्‍य मान्‍यताओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरंभ हुआ था। महाशिवरात्रि को शिव के जन्‍मदिन के रूप में भी मनाने का प्रचलन है।

महाशिवरात्रि का महत्व:

हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर माह की कृष्ण पक्ष चर्तुदशी को मास शिवरात्रि होती है लेकिन फाल्‍गुन मास की कृष्ण पक्ष चर्तुदशी को महाशिवरात्रि के रूप में पूजा जाता है। कि इस दिन शिव और पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था. मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव पर एक लोटा जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि महाशिवरात्रि का व्रत करने वाले साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जगत में रहते हुए मुष्य का कल्याण करने वाला व्रत है महाशिवरात्रि। इस व्रत को रखने से साधक के सभी दुखों, पीड़ाओं का अंत तो होता ही है साथ ही मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। शिव की साधना से धन-धान्य, सुख-सौभाग्य,और समृद्धि की कमी कभी नहीं होती। भक्ति और भाव से स्वत: के लिए तो करना ही चाहिए सात ही जगत के कल्याण के लिए भगवान आशुतोष की आराधना करनी चाहिए। भगवान भोलेनाथ..नीलकण्ठ हैं, विश्वनाथ है।

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंग का वर्णन है। कहा जाता है कि प्रदोष काल में महाशिवरात्रि तिथि में ही सभी ज्योतिर्लिंग का प्रादुर्भाव हुआ था।

महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त:

Beginning time of Chaturdashi Tithi9:02 PM (8 March 2024)
Chaturdashi Tithi Ending Time6:18 PM (8 March 2024)
Nishitha Kaal Puja Timings06:16 PMto 1:06 PM (8 March 2024)
Timings of Shivaratari Paran6:57 AM to 3:33 PM (8 March 2024)
Puja Timings for Ratri First Prahar6:24 PM to 9:32 PM (8 March 2024)
Puja Timings for Ratri Third Prahar12:41 AM to 3:49 AM (8 March 2024)
Puja Timings for Ratri Fourth Prahar3:49 AM to 6:57 AM (8 March 2024)

महाशिवरात्रि 8 मार्च, शुक्रवार 

महाशिवरात्रि 8 मार्च को सुबह 6 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 9 मार्च को सुबह 10 तक रहेगी।

  • चतुर्दशी तिथि आरंभ- 8 मार्च, शुक्रवार , 03:16 एएम से.
  • चतुर्दशी तिथि समाप्त- 9 मार्च, शनिवार, 1:00 एएम तक.

निशीथ काल पूजा मुहूर्त : 11:46:41 से 12:35:14 तक।
महाशिवरात्रि पारणा मुहूर्त : 06:36:06 से 15:04:32 तक।

महामृत्युंजय मंत्र जाप की महिमा:

* ॐ नमः शिवाय *

* ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।। *

महाशिवरात्रि पर क्या करना चाहिए:

महाशिवरात्रि भगवान शंकर का सबसे अच्छा दिन माना गया है। इसलिए इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। शिव-पूजन के लिए किसी शुद्ध बर्तन में जल भर कर उसमें गाय का दूध, बेलपत्र, धतूरे, अक्षत डालकर शिव लिंग पर चढ़ाएं। इसके अलावा महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को दूध या गंगाजल से अभिषेक करना बहुत शुभ माना गया है।

महाशिवरात्रि पूजन –

  • चंदन का तिलक लगाएं.
  • शिव रात्रि को शिवलिंग को पंचामृत से स्नान करा कराएं.
  • तुलसी, बेलपत्र, भांग धतूर, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें.
  • पूजा में सभी उपचार चढ़ाते हुए मंत्र का जाप – ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः

हिंदू धर्म के अनुसार महाशिवरात्रि व्रत से प्राप्‍त होने वाले लाभ:

  • अविवाहितों की शीघ्र शादी होती है।
  • सुहागिनों का सौभाग्य अखंड रहता है।
  • दांपत्य जीवन में प्रेम की प्रगाढ़ता और सामंजस्य बना रहता है।
  • संतान सुख मिलता है।
  • धन, धान्य, यश, सुख, समृद्धि, वैभव, ऐश्वर्य में वृद्धि होती है।
  • आरोग्य का वरदान मिलता है।
  • नौकरी व करियर में मनचाही सफलता मिलती है।
  • शत्रुओं का विनाश होता है।
  • बाहरी भूत, प्रेत बाधा आदि से चमत्कारी ढंग से रक्षा होती है क्योंकि भगवान शिव स्वयं उनके स्वामी माने जाते हैं।
  • इस व्रत से आत्मविश्वास और पराक्रम में वृद्धि होती है।

महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक का महत्‍व:

गंगाजल – सौभाग्य वृद्धि के लिए

गाय का दूध– गृह शांति व लक्ष्मी प्राप्ति के लिए

सुगंधित तेल– भोग प्राप्ति के लिए

सरसों का तेल– शत्रु नाश के लिए

मीठा जल या दुग्ध– बुद्धि विकास के लिए

घी- वंश वृद्धि के लिए

पंचामृत- मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए

गन्ने का रस या फलों का रस- लक्ष्मी व ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए

छाछ- दुखों से छुटकारा पाने के लिए

शहद- ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए

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